तेरी रातों की यादों मैं,
भीगी पलकें,
सासें फूली,
खो गयी रातें किन राहों मैं...
तुझ बिन कुछ दिन ,
गुज़ारे हैं जैसे नहीं मिले हम सालों से,
फिर क्यूँ आखिर तुने तय किया,
की हम खो गए किन राहों मैं.
खामोश हुई है ख़ामोशी,
जब तेरी जुबान पे नाम आया,
भूले मंज़र,
भूले वादे,
जब तेरे दर पे कोई और आया।
इक अरसा बीत गया तुझ बिन..
Comments